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तुम रहस्य

मेरी हर कहानी का पात्र 
तुम से ही क्यों निकलता है
हर कविता की दूब 
तुम्हारे भीतर ही क्यों लहलहाती है
रहस्यों से भरी हुई तुम
आखिर हो क्या


--रा.त्रि

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