असल में ये कोना एक पंचायत है, जहां पंच हैं... लोगों की भीड़ है... और कई सवाल हैं जिनके जवाब हैं, मसले हैं जिन पर फैसलों की पूरी गुंजाइश हैं... यानी कोई खाली हाथ नहीं जाएगा... इस कोने का नाम सरपंच इसलिए है क्योंकि यहां आने वाला हर कोई कम से कम अपना सरपंच तो है ही... यानी जो बोले सो निहाल और जो खोले सो सरपंच।