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वही हुआ



मैंने कहा था तुमसे


एक रोज़


पीले पड़ जाएंगे


ये पत्ते


फिर टूट टूट कर नीचे गिरेंगे


और तुम उन पर चलते हुए


दूर निकल जाओगे


तुम्हे पीछे मुड़ कर जो


नहीं देखना है


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3 comments:

Smart Indian said...

सुन्दर भाव!

Unknown said...

maana ki mai aage nikal jaunga rut badle gii jab

mai lot ke wapis phir wahin aaunga.
sookhi daalon par tab naye paate lah-lahayenge mai aur tume phir usi jagah mil gayenge
______________________________________________________HEMA SINGH(anju)

Meenakshi Kandwal said...

हरे-भरे पल बीत गए तो क्या.. पतझड़ भी इशारा करता है-
"कभी प्यार का भी मौसम और दिल का बाग़ीचा गुलज़ार हुआ करता था"