नोएडा की लड़कियां
दिल्ली के दफ्तर को
शेयरिंग वाले ऑटो से
रेज़गारी के लिए झगड़ती
भागमभाग वाले मेकअप में
मेट्रो की लाइन तोड़ती
कंधे का बैग पटकती
आगे बढ़ती हैं
नोएडा की लड़कियां
कभी-कभी मेट्रो में
सीट के लिए लड़तीं
और कभी-कभी
दूसरे को यूं ही
अपनी जगह दे देतीं
दफ्तर तक का सफर
मेसेंजर और व्हाट्सअप
पर करतीं
मुस्कुराते हुए मेसेज करती
फिर कोई मेसेज पढ़
बिना बात
झूम भी उठतीं हैं
नोएडा की लड़कियां
शाम ढले
तन पर दिन भर की
चिपकी घूरती निगाहों को
पीठ पर लादे
जब घर लौटती हैं
नोएडा की लड़कियां
तब आप देख सकते हैं
उनके बदन पर लटके
असंख्य,अदृश्य
गोल्ड मेडल
कल सुबह फिर निकलेंगी
नोएडा की लड़कियां
राकेश त्रिपाठी
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