चौंकिए मत, ये तस्वीर जो आप देख रहे हैं...जोधपुर या बाड़मेर की नहीं है। इलाहाबाद का रसूलाबाद घाट है जहां से होकर नदी कुछ अरसा पहले तक बहती थी। आज गंगा की जगह अगर कुछ दिखता है तो सिर्फ रेत के ढूहे और ऊंटों के लंबे कारवां। यहां से कुछ दूर पर ही वो संगम है जिसका पुराणों में उल्लेख है। कहते हैं कि अब सिर्फ गंगा और यमुना हैं...सरस्वती विलुप्तप्राय है। सवाल है - कहीं गंगा का भी यही हश्र न हो ? ये फोटो इलाहाबाद से स्कंद ने भेजी है जो पर्यावरण को प्रति उतने ही चिंतित हैं जितना अपने बेटों के भविष्य को लेकर।
गंगा जो इक नदी थी.....
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