बारह साल के एक बच्चे को टीटीई ने चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया। वजह थी पचास रुपये। इस कारण बच्चे को अपना दाहिना पैर और दाहिना हाथ गंवाना पड़ा। यह जानकारी सरकारी रेलवे पुलिस के सूत्रों ने दी। शंकर सिंह रेलगाड़ियों के डिब्बों की सफाई कर अपना गुजारा चलाता है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को राउरकेला रेलवे स्टेशन पर वह एक ट्रेन में चढ़ा। उसे एक सीट के नीचे से 50 रुपये का नोट मिला। टीटीई ने शंकर से 50 रुपये का नोट मांगा। शंकर ने इनकार कर दिया। इसे लेकर शंकर और टीटीई में झगड़ा हो गया और तब तक गाड़ी चलने लगी। सूत्रों ने बताया कि गुस्साए टीटीई ने उसे थप्पड़ जड़ा और खींचकर डिब्बे के दरवाज़े तक ले गया। उसके बाद टीटीई ने शंकर को चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया। शंकर के एक दोस्त ने बाद में एफआईआर दर्ज कराई। सू़त्रों ने बताया कि शंकर को इस्पात जनरल अस्पताल में दाखिल कराया गया है जहां उसकी स्थिति नाज़ुक बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद सामाजिक संगठन जन कल्याण समिति ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और टीटीई की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। राउरकेला के अडिशनल डीएम ने आश्वासन दिया कि लड़के का इलाज जिला रेडक्रॉस के फंड से कराया जाएगा। जीआरपी ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है।
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3 comments:
शंकर के साथ सहनूभुति हे, लेकिन उस टी टी को गिरफ़्तार या सजा देने से क्या शंकर के हाथ पावं वपिस आ जाये गे ? तो क्यो ना उस टी टी कि सारी ज्यादद( मकान या जो भी जमा पुंजी हे) शंकर के नाम की जाये ओर टी टी का आधा वेतन शंकर के नाम किया जाये. अगर ऎसा इन्साफ़ होने लगे तो हम सीधे हो जाये ओर इन्सान को इन्सान समझे
शंकर के साथ बहुत अन्याय हुआ, पता नहीं ५० रुपये के लिये लोग इतनी क्रूरता कैसे कर लेते हैं?
राज भाटिया जी से आंशिक रूप से सहमत हूँ पर क्या यह भारत में संभव है, राज साहब?
कितना गिर जाता है इंसान!!दुखद एवं अफसोसजनक.
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