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माया की 'माया'

यूपी के एक विधायक शेखर तिवारी आजकल जेल में हैं। जेल में क्यों-पुलिस कस्टडी में क्यों नहीं-ये एक सवाल है जो हर जुबान पर है। तिवारी जी उस पार्टी के नुमाइंदे हैं जिसने सूबे में कुर्सी पाने के लिए दो बरस पहले ब्राह्मणों से समझौता किया। उन्हीं ब्राह्मणों से जिनके खिलाफ कांशीराम ने कभी दलितों को एकजुट किया था।
बदलते वक्त में यूपी में एक नई ताकत बनने के लिए मायावती ने जो कार्ड खेला , वो चल गया और पार्टी सत्ता में अपने दम पर आई। बहन जी के जन्मदिन पर चंदा यूपी में कोई नई बात नहीं...महकमा छोटा हो या बड़ा , अफसरों को हर साल ताकीद की जाती है कि हर अफसर एक तय राशि बहन जी को पार्टी फंड में देगा। अब ये पैसा आधिकारिक तौर पर तो दिया नहीं जाता ...इसलिए इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं रहता। अफसर कमाते हैं और ये सोचकर कि अच्छी पोस्टिंग हाथ से न जाए , हर साल बहन जी को गिफ्ट में हरे हरे नोट देते भी हैं। लेकिन कभी कभी ,कोई अफसर फंस भी जाता है। जैसे औरैया के इस एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर के साथ हुआ। उनकी मौत के बाद सकपकाई सरकार सिर्फ इतना कर पाई कि उसने विधायक को पुलिस कस्टडी में जाने से बचा लिया। तो शेखर तिवारी अब जेल में हैं-यानी आराम फरमा रहे हैं। उनसे कोई पूछताछ नहीं होगी और जेल में उनकी देखरेख भी बेहतर होगी। सीबीआई जांच के लिए मायावती साफ मना कर चुकी हैं क्योंकि वो जांच फिर केंद्र के पास चली जाएगी।
ये वही मायावती हैं जिनकी पार्टी का एक कार्यकर्ता मुलायम सरकार के दौरान इलाहाबाद में चुनावी राजनीति में गोली का शिकार हो गया था और तब सीबीआई जांच के लिए बहन जी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। तो....क्या इंजीनियर मनोज गुप्ता के खून का रंग राजू पाल के खून से कम गाढ़ा था ? इस सवाल का जवाब मिले,न मिले-इस घटना ने एक नये ट्रेंड की शुरुआत की है। शायद पूर्ण बहुमत के साथ आई सरकार से यही सबसे बड़ा नुकसान होता है कि सरकार जो चाहे करती जाए...कोई सवाल न हो।

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1 comments:

Malaya said...

यू.पी. में सुना है कि मायावती के सरकारी ऑफिस में बैठकर सभी जिलों और मंडलों में मालदार पोस्ट पर तैनात अधिकारियों को लाखों-करोड़ों के लक्ष्य बताए जा चुके हैं। अधिकारी बेचारे हलकान हैं कि पाप करके कमाएं भी और सारा माल लखनऊ दे आएं तो फायदा क्या?

पोस्टिंग कराने की लागत भी नहीं निकल पाती तबतक कोई और धक्का मारकर दुगुनी कीमत चुका कर पोस्ट हथिया लेता है। यह ऐसा शोषण है जिसकी फरियाद भी नहीं हो सकती है।