जी हां... बात कुछ अटपटी लग सकती है... पर यकीन जानिये ये बात मैंने बिल्कुल बिना मोड़े-तोड़े और बिना शब्दों से खेले लिखी है... राष्ट्रपति भवन में वास्तव में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध लगा हुआ है... और तो और कोई भारतीय सज्जन वहां दीवार की ओट लेकर या कोई कोना पकड़कर पेशाब भी नहीं कर सकता... मैं मजाक नहीं कर रहा हूं... बल्कि जो देखकर आया हूं, वही बता रहा हूं... एक बात और ये बात विदेशियों पर लागू नहीं होती... खतरा सिर्फ हिंदुस्तानियों से है इसलिए ये आदेश भी सिर्फ उन्हीं के लिए है... दरअसल हुआ यूं कि मैं अपने एक मित्र के साथ तफरी करने यूं ही राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया... और धूप कड़ी थी इसलिए मुख्य परिसर के ही अंदर किसी पेड़ की छांह लेने का मन किया... लेकिन देश के सबसे संवेदनशील स्थान पर हर जगह अपनी मन मर्जी तो चलाई नहीं जा सकती... इसलिए पूरे सम्मान से सभी सरकारी आदेशों का पालन करना भी जरूरी है... राष्ट्रपति भवन में एक ऐसे ही आदेश का बोर्ड दिखाई दिया... उसका मजमून यही था जो मैंने अक्षरश: इस पोस्ट के ऊपर लिख दिया है... ये आदेश मुझे कुछ अटपटा नहीं लगा... क्योंकि जैसे देश भर की दीवारें हकीम उसमानी या डॉक्टर शेखों के इलाज की गारंटियों से पटे रहते हैं... वैसे ही हमारी प्यारी दिल्ली में ‘यहां पेशाब करना मना है’ का आदेश कई क्रियेटिविटियों से गुजरता हुआ गधे के पूत यहां मत ... तक हो जाता है. कई जगह पर्यावरण, स्वास्थ्य और समाज के प्रति जागरूक लोग व्यक्तिगत पहल करते हुए दीवारों पर ये नेक नारे लिखते हैं तो कहीं कहीं कुछ बेहद समाज सेवी संस्थाएं ये काम करती हैं... लेकिन दिल्ली प्रशासन और सरकार को भी इस राष्ट्रीय परेशानी का इल्म है, और जगह जगह उसने इस काम में खुद भी भागीदारी की है... दिल्ली में लगभग हर चौराहे पर साफ सुथरे शौचालय हैं जो प्राय: साफ सुथरे ही बने रहते हैं... नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को छोड़ दें तो मैंने उनमें आते जाते लोग कम ही देखे हैं... प्रकृति-प्रेमी और खुली हवा में जीने की इच्छा रखने वाले हम खुले में ही करने के शौकीन भी हैं... लेकिन खुले खेल का ये डर राष्ट्रपति भवन तक में है ये मुझे नहीं पता था... अब ये भी जान लीजिये कि ये आदेश आया कहां से... रायसीना हिल्स को समतल करके वहां भव्य भवन तो अंग्रेज बना गये लेकिन वहां कूड़ा फेंकना मना है और गधे के पूत यहां मत ... लिखना वो भूल गए... अंग्रेजों की इस मिस्टेक को सुधारा है लोक निर्माण विभाग ने... वैसे प्रेशर वाली बात तो ठीक है लेकिन सरकार वाकिफ है कि हम राष्ट्रपति भवन तक में जाकर कूड़ा फेंकने तक की हिम्मत रखते हैं... एक बात और... ये आदेश सिर्फ हम हिन्दुस्तानियों के लिए ही है... मेहमानों को इससे छूट मिली हुई है... मेरा यकीन न हो तो फोटो को दोबारा ध्यान से देखें... दिल्ली में लगे अमूमन सभी आदेश हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में होते हैं... लेकिन इस महत्वपूर्ण जगह पर ये महत्वपूर्ण आदेश सिर्फ हिंदी में ही है... मैं समझता हूं इतना काफी है... आप समझ गए होंगे कि राष्ट्रपति भवन में कूड़ा फेंकना और पेशाब करना सख्त मना है...
देवेश वशिष्ठ खबरी
+91-9953717705
5 comments:
पैनी नजर का कमाल!
अरे भई, आपके इस आलेख पर तो सुबह कमेंट किये थे..फिर से कैसे आ गया??
Manana parega ki CPWD kitni sukshm samajh rakhti hai.
बहुत ही बारीक नज़र है आपकी देवेशजी,
इसके आलावा भी एक जगह ऐसी और है जहाँ भारतीय मानसिकता के सुन्दर दर्शन होते हैं और वो जगह है वो सार्वजनिक दीवारे जहाँ लोग सुसु करना अपना कर्त्तव्य समझते हैं और उन दीवारों के मालिक वहां देवी देवताओं की तस्वीरे लगाना अपनी इमानदार जिम्मेदारी पता नहीं तब विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल वाले कहाँ सो रहे होते हैं साथ ही ये भी नहीं पता चलता की तब उस जगह लघुशंका करने वाले की धार्मिकता कहाँ सो रही होती है.
छोटी सी बात, लेकिन अंग्रेजों तक की दादी-नानी तक चली गयी! बहुत खूब!
Post a Comment